यह गति का अस्तित्व का प्रवाह। और इस इस राह पर हमारे सामने बहुत बड़ा उद्घाटन है। परन्तु यह मौका मुझे अक्सर । मैं इस उथल-पुथल में तैरना नहीं जानता। {मेरी आँखें भटकती हैं|मेरे दिमाग का धुंधलापन है और मन मे {एक अंधेरा छाया हुआ है|अशांति छाने लगी है।
पुस्तक के पन्नों में, मन की व्यथाएँ
एक किताब खोलते ही हमारे सामने नई दुनिया खुलती है। उसकी कहानी हमें अपनी ओर आकर्षित करती है और हम उसमें खो जाते हैं। लेकिन कभी-कभी, उन पाठों के बीच में ही हमारे हृदय में उलझनें पैदा हो जाती हैं।
भावनाओं का एक ऐसा मेल होता है जो हमें खुद से पूछने पर मजबूर करता है - क्या यह सच है? या बस एक कल्पना दुनिया है?
यह उलझनें कभी-कभी आपको खुशी देती हैं, तो कभी ग़म। लेकिन ये हमें जिंदगी के रहस्यों को समझने में मदद करती हैं।
ज्ञान प्राप्ति में स्थिरता, मन की ध्वनि नजर नहीं आ रही
यह दिलचस्प है कि जब हम पढ़ाई करते हैं तो हमारा दिमाग़ उत्साहित होता है । यह ऐसा है जैसे हमारे मन की आवाज दूरी परमौन हो जाती है। हम पढ़ते हैं, लेकिन हमें समझ नहीं आती ।
जीवन का सफ़र, पढ़ाई की राह पर अड़चन
यह एक लंबी यात्रा है, जिसे हम नाम से. इस रास्ते पर हम कई अड़चनें का सामना करते हैं. कभी-कभी यह यात्रा इतनी कठिन हो जाती है कि इसके कारण थकावट महसूस होती है.
जिस हद तक हम हाथ ना माँटे,
तो हम सीखते हैं. उम्र से बढ़कर हमें यह सिखाता है कि जीवन में हर मुश्किल एक आगे बढ़ने का रास्ता होती है.
अध्यापन का चक्र , मेरी सोच से दूर
यह बहुत ही बार होता है कि मैं अध्यापन के तरीके को देखकर परेशान हो जाता हूँ। मेरा मन इसे सुधारने get more info की ओर ले जाता है, परन्तु यह विचित्र तरीके से काम करता है। जैसे कि, उसकी सोच मेरे विचारों से बहुत दूर है।
यह {परिणामआश्चर्यजनक हो सकता है। यह हमें कुछ नया के बारे में सिखाता है, जो जीवन में बहुत जरूरी है।
मस्तिष्क भटका हुआ , सीख के द्वार बंद रहे हैं
जब मन भटकता है तो सीख का मार्ग बंद हो जाता है। जैसे ही आंखें किसी और ओर देखना शुरू कर देती हैं, उस क्षण ज्ञान की यात्रा में बाधा आ जाती है। सुझाव लेने के लिए आवश्यक है कि मन एकाग्र रहे। जब मन भटकता है तो सीख का सफ़र धीमा हो जाता है और हम अपने लक्ष्यों को हासिल करने से दूर| दूर रह जाते हैं।